6 अगस्त 2019 को हमने एक महत्वपूर्ण नेता सुषमा स्वराज को खो दिया सुषमा स्वराज उन नेताओं में से एक थी जिन्होंने पूरी नीयत से देश के हित में काम किया है और पूरी जिंदगी अपने काम से ईमानदारी जताई है आप सभी यह तो जानते ही होंगें सुषमा स्वराज 2014-2019 तक विदेश मंत्री रही पर इस पद के अलावा भी कई पदों पर रहकर वह छोटी उम्र से हमारी देश के लिए काम करती आई है|
तो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे Blog Website में हम है avpuc.com (Unique Creativity & Knolwledge) और आज हम आपके लिए लाये है|सुषमा स्वराज की Biography हिंदी में|
Youngest Cabinet Minister:-
7 बार सांसद 3 बार विधायक महज 25 वर्ष कि उम्र में वह youngest cabinet minister बनी इसके अलावा वह दिल्ली कि पांचवी मुख्यमंत्री रहीं और वो अपने काम में इतनी अच्छी थी कि पूरे देश कि जनता उनके काम करने के तरके को और उन्हें बहुत चाहते थे American Boss General ने उन्हे Best Love Politician Award दिया ।
आइये इनकी पूरी कहानी शुरूआत से जानते है
Sushma’s Study:-
सुषमा शर्मा का जन्म 14 फरवरी 1953 को हरियाणा के अंबाला जिले में हुआ था। उनके पिता का नाम हरदेव शर्मा और माँ का नाम श्री मती लक्ष्मी देवी था। उनके पिता एक आर एस एस के प्रोबिनेट मेंम्बर थें। स्कूल कि पढ़ाई अच्छे से करने के बाद वह सनातन धर्म काॅलेज से डिग्री प्राप्त करने पहँच गयी काॅलेज के दिनों से ही सुषमा का नेता नगरी कि तरफ रूझान भड़ने लगा था।
Best Cabinet Award:-
काॅलेज से ही वह ए बी बी पी के साथ जुड़ गयी काॅलेज politics में हिस्सा लेने के बावजूद भी कभी भी सुषमा ने अपने पढ़ाई से कोई कोंमप्रोमाइज नहीं करा |इसी वजह से उन्हें Best Student का भी अवार्ड मिला 18 वर्ष कि उम्र में सुषमा ने ऐन सी सी को ज्वाईन किया जहाँ इन्हें Best Cabinet का अवार्ड मिला
Want To Join Indian Army:-
सुषमा आर्मी ज्वाईन करना चाहती थी |पर उस वक्त लड़कियों को आर्मी ज्वाईन करने कि इजाजत नहीं थी। और इसी वजह से वह आर्मी में नहीं जा सकी डिग्री पूरी करने के बाद वह पंजाब university से वकालात करने गयी और यहाँ आकर भी उनका इतना बोल-बाला रहा जितना कि पिछले काॅलेज में था।
Best Speaker Award:-
वह इतना अच्छा बोलती थी कि तीन वर्ष तक बोलने के बाद उन्हें बैस्ट स्पीकर का खिताब मिला 1973 में उन्होंने लाॅ कि पढ़ाई पूरी की और सुप्रीम कोर्ट में एक एडवोकेट तौर पर प्रेकटिस की उनको women spokesperson of a national party के नाम से भी जाना जाता है |
Susma’s Marriage:-
1974 में जेपी आन्दोलन के वक्त उनकी मुलाकात स्वराज कौशल से हुई और आगे चलकर उन्हीं से इनकी शादी भी हुई शादी के बाद इनका नाम सुषमा स्वराज हुआ स्वराज कौशल यह एक बड़ी संस्था से जुड़े हुए थें और फिर सुषमा भी उनकी टीम में जुड़ गयी
Joining In BJP:-
इसके बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी भी ज्वाईन कर ली और फिर वह एक नेशनल लीडर के तौर उभर कर आई 1977से 1982 तक वह हरियाणा नेशनल असंम्बली कि लीडर रहीं ऐसा कर वह उस समय कि यंगीस्टर कैबिनैट मिनीस्टर बन गई 27 वर्ष कि उम्र में उन्हें हरियाणा में बी जे पी का स्टेट प्रेसीडेंट बनाया गया इसके बाद वह 1987 से 1990 तक हरियाणा कि एजूकेशन मिनीस्टर रहीं 1988 में उन्होंने यूनीयन कैबिनैट से इस्तीफा दे दिया
First Women Chief-Minister of Delhi:-
वे दिल्ली के मुख्यमंत्री का पद संभाल सकें वह दिल्ली कि पहली महिला चीफ मिनीस्टर बनी थी आपको जानकार शायद हैरानी होगी कि सुषमा स्वराज ने हिन्दी फिल्म इनडस्ट्री के लिये भी एक बहुत बड़ा काम किया इन्होंने ही इंडिण्यन फिल्म इनडस्ट्री को इनडस्ट्री घोषित किया था। फिल्म मैकर फिल्म बनाने के लिए बैंक से लाॅन ले सकते थे।और अपने किसी एक इन्सान को फिल्म बनाने के लिए डिपेंड नहीं होना पड़ता था।
Construction Of AIIMS Hospital:-
इसके अलावा वह 2003 में स्वास्थ मंत्री भी बनी जहाँ पर इन्होने एम्स हाॅस्पीटल का निर्माण भी कराया 2009 में जब काग्रेस सरकार बनी थी तब सुषमा स्वराज लीडर आफ अपोजीशन में थी । इसके 2014 लोकसभा चुनाव आयें और नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने कहा जाता है कि जब बी जे पी ने नरेन्द्र मोदी को उम्मीदवार चुना था। तब सुषमा स्वराज बी जे पी के निर्णय से खुश नहीं थी क्यों कि उन्हें मोदी कि कुछ नीतियाँ पसन्द नहीं आती थी
Minister Of Foreign Country:-
और समय के साथ दोंनों नेताओं के बीच सब कुछ सही हो गया इस समय पर सुषमा स्वराज को विदेश मंत्री बनाया गया 2019 तक वह इस पद पर कार्य करती रहीं विदेश मंत्री के इस पद से सुषमा स्वराज ने जाने कितने ऐसे भारतीयों कि मदद कि जो सीमा पार दूसरें देशों में फँसे हुए थें। या किसी मुसीबत का सामना कर रहें थे। इतना ही नहीं बल्कि इंडिण्यन एयर फोर्स आफिसर अभिनंदन वर्धमान पाकिस्तान से इंडिण्या वापस लाने में भी सुषमा स्वराज का बहुत बड़ा योगदान था।
Sushma’s Death:-
2018 में तबीयत ठीक न होने के कारण यह बोल दिया था। कि में 2019 के चुनाव में आगे नहीं आ पाऊँगी 6 अगस्त 2019 को हार्टटैक के कारण सुषमा स्वराज हम सभी को अलबिदा कह गयीं वह धारा 370 के हटाए जाने से बहुत खुश थी और ये जानने के कूछ घंण्टें पहले नरेन्द्र मोदी को बधाई भी दी और अमितशाह को राज्य सभा के success के लिए बधाई दी
तो दोस्तों यह कहानी थी सुषमा स्वराज कि आज भी लोग उन्हें
“the leader who broken the political glass ceiling”
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NOTE:- This Biography is in Hindi Language and I researched a lot and tried my best to write this Biography. but in case if you found any grammatical mistakes in this Biography, you can Comment down below. Please Cooperate with me, Keep Supporting and Keep Reading. (Sharing is Caring)
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